Monday, September 27, 2010

मुफलिसी (फक्कडपन ) क्या है !

मुफलिसी (फक्कड़पन ) क्या है !
किसी ने ठीक कहा कि-
दोपहर की रौशनी में भी
कुछ लोग एसी और लाइट जला कर
सोते हैं !
उन्हें मेरा कहना है कि -
चौखट , दीवारों और छतों के भी बिना भी
कुछ लोग रहते हैं !
मुफलिसी हल्के अर्थ में लिया जाता है
यह वस्तुतः शरीर को अलग कर
उसको आत्मा से जोड़ना है
यह जाने हुए भी
खुद को परम सत्ता से जोड़ना है !
हमारी जन्म म्रत्यु का प्रत्यारोपण
मोक्ष में निहित संयोग है
और मुफलिसी
जीवन का असली योग है

Friday, September 17, 2010

ग़ज़ल : उलट-बांसी

ये अजीब शहर है हमेशा धोखा ही देगा तुम्हें

अजनबी सुनी बातों का हिसाब रखना


नाईट मैच की रौशनी की तरह यहाँ

दिन में रात के लिबास में ही रहना




















Tuesday, September 14, 2010

ग़ज़ल :ता-ता थैया -ता ता थैया / बेकार की सरकार भगैया

ता-ता थैया , ता-ता थैया ,

बेकार की सरकार भगैया !

कश्मीर के लोग हैं भइया,

बेकार की सरकार भगैया!

जाति-गर्णा :जीत-जितैया ,

बेकार की सरकार भगैया !

कॉमनवैल्थ के वैल्थख्बैया ,

बेकार की सरकार भगैया !

पूरे देश को खा गए भैया ,

बेकार की सरकार भगैया !

लश्कर-नक्सल की बलैया,

बेकार की सरकार भगैया !