द्रश्य -!
एअरपोर्ट , सारे लोग इतने जल्दी में हैं की उनको पता नहीं कि उनकी पूरी प्रोग्राममिंग एक सिपाही के पास है जो उन्हें २-३ घंटे मामूली रोक सकता है , आप अगर गैर -सरकारी हैं तो खींसे निपोरते हुए, इधर -उधर देखते , उसकी खुशामत भी करते हुए , बीबी bachon से ऑंखें चुराते हुए दस बार थैंक्स कहना पड़ता है -----जबकि घर से निकलते समय आपने बाप के पैर इस धौंस में नही छुए कि समझते नहीं एक-एक मिनट important है ।
द्रश्य-!!
lounge में इतने सीरियस कि लगता है parmaroon बोम्ब टेक्नोलॉजी ले कर बैठे हैं । खुले मन से नहीं बल्कि चोर निगाहों से इधर-उधर ताकते हैं -वाह रि शख्सियत । ये पता चलते ही कि आसपास किसीको आप कि
जरूरत है ,अखबार में इतने मशगूल हो जाते हैं जैसे डीएनए पर रिसर्च कर रहे हों ।
Saturday, October 31, 2009
Wednesday, October 28, 2009
कोई जादू नहीं जिन्दगी
दोस्त कोई जादू नहीं जिन्दगी का सफर !
आप ही आप हैं सिर्फ़ इसके हमसफ़र !!
बड़ी कोशिश से खुदा ने आप को ही चुना !
आप न चुनते तो न होती कभी भी सहर !!
हर आदमी के भीतर है उसका ही नूर !
नहीं पहचानता कभी आसानी से मगर !!
अजय क्या बात है कि चलता है सफर !
सरलता मैं ही इसकी है सच्ची सी डगर !!
आप ही आप हैं सिर्फ़ इसके हमसफ़र !!
बड़ी कोशिश से खुदा ने आप को ही चुना !
आप न चुनते तो न होती कभी भी सहर !!
हर आदमी के भीतर है उसका ही नूर !
नहीं पहचानता कभी आसानी से मगर !!
अजय क्या बात है कि चलता है सफर !
सरलता मैं ही इसकी है सच्ची सी डगर !!
Monday, October 26, 2009
एक विचार -सभी समस्याओं का नुस्खा
परेशानिया न हों तो आप ईश्वर से प्रार्थना करेंगे की पूरी की पूरी जिन्दगी एक-आद् साल मैं निपट जाए। वे आपको लम्बी उम्र देती हैं । स्वागत करिए क्योंकि :
दर्द, हिना नहीं जो सिलबट्टे पर रगड़ के रंग देता है !
तासीर इसकी ऐसे है कि हर हाल पूरा मज़ा देता है !!
आप चाहेंगे तो पूरी ग़ज़ल अगली बार .....
दर्द, हिना नहीं जो सिलबट्टे पर रगड़ के रंग देता है !
तासीर इसकी ऐसे है कि हर हाल पूरा मज़ा देता है !!
आप चाहेंगे तो पूरी ग़ज़ल अगली बार .....
Thursday, October 22, 2009
जरूर पड़ें : निश्चित ही काम आयेगा :एक विचार
जीवन में कुछ भी गुअरंटी वाला रिटर्न नहीं है , आप के कार्य आपका प्रारब्ध रचते हैं ।
अच्छे -ख़राब कार्यों का हिसाब - किताब अलग -२ है । यह अकाउंट डेबिट -क्रेडिट नहीं । मतलब कि आप एक ही बार में स्वर्ग - नरक का अनुभव कर सकते हैं ।
अच्छे -ख़राब कार्यों का हिसाब - किताब अलग -२ है । यह अकाउंट डेबिट -क्रेडिट नहीं । मतलब कि आप एक ही बार में स्वर्ग - नरक का अनुभव कर सकते हैं ।
Tuesday, October 13, 2009
एक नज़्म :शिद्दत वालों के लिए
ये लोग फिर किसी बहाने तेरे सपनों मैं आयेंगे !
खुशनसीब है तू वे बे-वजह तुझे बुलाने आयेंगे !!
जब थी तम्मना तो कभी दूर-दूर तलक न मिले !
अब ये गुजारिश कि सहेजे को मिटानें आयेंगे !!
कोई और अपना सफ़र तय कर ले तू बुलाने वाले !
थकन इतनी है कि अब न,न चाहते हुये आ पायेंगे !!
बड़ी मुश्किल है अजय यों ज़माने की खबर रखना !
कई जन्मों के पुराने बे निभाए फ़साने नज़र आयेंगे !!
Sunday, October 11, 2009
एक विचार -सीधा ,सादा ,सरल ,सच्चा :अंतिम सत्य वर्थ रीड
कभी-कभी अंतिम यात्रा, वात्सल्य से जीवन के अंतिम सेतु तक जाती है : कभी किशोरावस्था से अंत की ओर कभी युवावस्था और कभी vradhavasta से , किन्तु लक्ष्य स्थिर है , और वो है :--जीवन के उस उद्देश्य को पहचानना जो हमें चिरंजीवी बनता है । आप कितना सफल हुए इसका सिर्फ एक ही पैमाना है की आपकी म्रत्यु के बाद कोई आपका शोक न करे बल्कि यह सोचे की आप तरोताजा हो कर आयें और फिर भटकों को रास्ता दिखाएँ.
Subscribe to:
Posts (Atom)