हौले -हौले गुजरती है
जिंदगी !
सब-कुछ एक साथ पाने की दौड़ पड़ी बहुत महँगी ,
अब पहचाना मैंने हौले -हौले गुजरती है जिन्दगी!
पहले रस्ते चाहें मकाँ को जाते हों या हों जाते दिल में,
बड़ी सीधी-सादी थी इबादतगाह मैं बन्दिगी !!
सर जिसके भी सामने झुका हो ,सर पे उसका हाथ था ,
अब किसका कौन कब काट ले सर ऐसी नुमाएंदगी !!
बड़ा मुश्किल है वक्त अजय दिल वालों की ख़ातिर ,
बिक गयी बड़े सस्ते में मेरी शख्शियत - ऐ -बुलंदगी !!
3 comments:
बड़ा मुश्किल है वक्त अजय दिल वालों की ख़ातिर ,
बिक गयी बड़े सस्ते में मेरी शख्शियत - ऐ -बुलंदगी !!
वाह बहुत खूब आभार
बड़ा मुश्किल है वक्त अजय दिल वालों की ख़ातिर ,
बिक गयी बड़े सस्ते में मेरी शख्शियत - ऐ -बुलंदगी !!
Waah waah !! kya baat hai..sundar!
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
aap word verification bhi hata dijiyega sabko suvidha rahegi..
गहरी बात!खूब कही!
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