Dr. Ajay की "अभिव्यक्ति"
कुछ सुनो कुछ कहो!दिल से हो तो बेहतर है!
Sunday, February 20, 2011
यद्द्छालाभाम्संतुश्तो
द्वन्द्वातीतो
विमत्सर
:
सम
:
सिद्दावसिद्धो
च
कृत्वापि
न
निबध्यते
:
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