जितना बंधने /बांधने की कोशिश करो संबंध हाथ से बालू की मानिंद फिसल जाते हैं । कारण है की हम अपनों को हमेशा चिपकाये रखना चाहते हैं । संबंधों के वृक्ष को केंद्रित कर हम उसको बौना बना देते हैं और भूल जाते हैं कि बोनसाई वृक्ष एक-आद फल देते हैं जिनका उपयोग नहीं किया जा सकता है।
मक्तूब : फल वृक्ष से जितना दूर लगेगा , वृक्ष उतना ही लंबा होगा।
संबंधों के फल नारियल सी मिठास देंगे और अपने विस्तार में सबको छाया देंगे जैसे पीपल और वट इत्यादि । इति .......
2 comments:
सुन्दर विचार।
आभार इन विचारों के लिए.
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