Friday, April 23, 2010

बन रहा जन-क्रांति योग ! अवश्य पढ़ें

बन रहा जन-क्रांति योग !
हर चीज अपने मूल स्वरुप से,
भटकती प्रतीत होती है।

टी-२० के बहाने जुटाया गया
ढेर सा काला पैसा ,
देखो-क्रिकेट बेचारी रोती है।
जिनके कंधे है -
गरीबों को अनाज मुहैया
कराने की जिम्मवारी।
उनकी भी है गरीबों का निबाला
छीनने वाले गिरोह में-
अच्छी-खासी हिस्सेदारी।
तो संभल जाओ छीनने वालों -
भूखे - नंगे के हिस्से का भी
महज़ सूखी रोटी -नमक-प्याज़ का भोग
अब बन रहा है जन क्रांति का योग !!!

3 comments:

honesty project democracy said...

सार्थक सोच की अच्छी अभिव्यक्ति / अच्छी विवेचना के साथ प्रस्तुती के लिए धन्यवाद / मैं तो कहता हु ब्लॉग सामानांतर मिडिया के रूप में उभर कर ,इस देश में वैचारिक क्रांति का सबसे बड़ा वाहक बनकर ,इस देश में बदलाव जरूर लायेगा / बस जरूरत है एकजुट होकर सच्ची इक्षा शक्ति से प्रयास करने की /अपने ऊपर भरोसा रखिये और लिखते जाइये /कहाँ लिख रहें हैं यह उतना महत्वपूर्ण नहीं ,जितना आपका अच्छी सोच के साथ लिखना/ आपको मैं , जनता के द्वारा प्रश्न पूछने के लिए ,संसद में दो महीने आरक्षित होना चाहिए, इस विषय पर बहुमूल्य विचार रखने के लिए आमंत्रित करता हूँ /आशा है देश हित के इस विषय पर,आप अपना विचार कम से कम सौ शब्दों में जरूर रखेंगे / अपने विचारों को लिखने के लिए नीचे लिखे हमारे लिंक पर जाये /उम्दा विचारों को सम्मानित करने की भी व्यवस्था है /
http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/04/blog-post_16.html

Dr Ajay k Gupta said...

behtreen aur seedh saral shabdon main likhe apki rachna seedhe dil par chote kar gayi

ktheLeo (कुश शर्मा) said...

vaah!