Tuesday, September 1, 2009

अच्छा होने की खुश - फहमी

अच्हों को अच्हा होने की खुशफहमी उन्हें देवत्व के मोह से ग्रसित करती है और वे अकले ही चलना चाहते हैं अतःवे उसी तरह पतन का शिकार होते हैं जैसे बुरा होने की ग़लतफ़हमी बुरे लोगों को अकाल म्रत्यु का ग्रास बनाती है ।
यदि ऐसा न होता तो राम और कृष्ण क्यों सत्कार्य मैं बंदरों , भालुओं ,गिरिवासियों और ग्वालों को अपना साथी बनाते.

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