Wednesday, October 28, 2009

कोई जादू नहीं जिन्दगी

दोस्त कोई जादू नहीं जिन्दगी का सफर !
आप ही आप हैं सिर्फ़ इसके हमसफ़र !!

बड़ी कोशिश से खुदा ने आप को ही चुना !
आप न चुनते तो न होती कभी भी सहर !!

हर आदमी के भीतर है उसका ही नूर !
नहीं पहचानता कभी आसानी से मगर !!

अजय क्या बात है कि चलता है सफर !
सरलता मैं ही इसकी है सच्ची सी डगर !!

4 comments:

वाणी गीत said...

हर आदमी के भीतर है उसका ही नूर !
नहीं पहचानता कभी आसानी से मगर !!

सच है ...अगर इंसान अपने आपको पहचान ले तो दुनिया का रंग रूप ही बदल जाये ...शुभकामनायें ...!!

ओम आर्य said...

दोस्त कोई जादू नहीं जिन्दगी का सफर !
आप ही आप हैं सिर्फ़ इसके हमसफ़र !!
इन पंक्तियो मे गहराई भी है और यथार्थ भी.........बहुत ही सुन्दर!

ktheLeo (कुश शर्मा) said...

काश हम सब इसे समझ कर अपना जीवन संवार पाते!

निर्मला कपिला said...

अजय क्या बात है कि चलता है सफर !
सरलता मैं ही इसकी है सच्ची सी डगर !!
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है शुभकामनायें