Thursday, December 17, 2009

एक विचार: क्रमांक 09

अद्रश्य होना,पलायन करना, टाल-मटोल करना और फिर अपने मंतव्य को न जानने की शिकायत करना ठीक नहीं। जितना जिएँ लक्ष्य जरूरी है। डूबता - उतराता वही है जो भंवर मैं फंसा है। एक ताज़ा कलाम देखिये:

पास सारा कुछ है ओ आदम तेरे पास भी, खुदा मैं जो तलाशता है !
वर्ना दुनिया के मेले में खुद का अकेलापन तुझे क्यूँ इतना काटता है !!