Monday, December 14, 2009

एक विचार :क्रमांक 8

जितना बंधने /बांधने की कोशिश करो संबंध हाथ से बालू की मानिंद फिसल जाते हैं । कारण है की हम अपनों को हमेशा चिपकाये रखना चाहते हैं । संबंधों के वृक्ष को केंद्रित कर हम उसको बौना बना देते हैं और भूल जाते हैं कि बोनसाई वृक्ष एक-आद फल देते हैं जिनका उपयोग नहीं किया जा सकता है।
मक्तूब : फल वृक्ष से जितना दूर लगेगा , वृक्ष उतना ही लंबा होगा।
संबंधों के फल नारियल सी मिठास देंगे और अपने विस्तार में सबको छाया देंगे जैसे पीपल और वट इत्यादि । इति .......

2 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

सुन्दर विचार।

Udan Tashtari said...

आभार इन विचारों के लिए.