Saturday, April 3, 2010

ग़ज़ल :टी-२० के बल्ले में

खौफजदा हैं अब बच्चे भी बेख़ौफ़ मकां के दो-तल्ले में ,
कुछ वर्दी वाले जब से आये रहने घर के निचले तल्ले में!

फांसी-फंदे का इन्साफ मिला अब सबसे सच्चे
इन्सां को ,
काजी का इमां भी डोला दुनियां के फर्जी हल्ले -गुल्ले में!


काश्तकार कर
रहे ख़ुदकुशी नित -नयी तकनीकी के दौर में,
वज़ीरे -फसल सर तक फंसे हुए हैं, देखो टी -२० के बल्ले में !

क्या हो रहा ये सब अजय आज के इस दम -घोंटू माहौल में ,
माँ
रखती है जहर की पुडिया अब तो अक्सर अपने पल्ले में !!

3 comments:

Shekhar Kumawat said...

wow !!!!!!!!!



achi rachna he


shekhar kumawat


http://kavyawani.blogspot.com/

Shekhar Kumawat said...

क्या हो रहा ये सब अजय आज के इस दम -घोंटू माहौल में ,
माँ रखती है जहर की पुडिया अब तो अक्सर अपने पल्ले में !!


or ye Word Verification hata de plz


wow !!!!!!!!!



achi rachna he


shekhar kumawat


http://kavyawani.blogspot.com/

ktheLeo (कुश शर्मा) said...

मज़ेदार! और प्रासंगिक!ळगे रहो दोस्त!