Saturday, July 17, 2010

ग़ज़ल :छोटे -छोटे सुख तलाशने होंगे -अवश्य देखें

छोटे -छोटे सुख तलाशने होंगे हमें अब ,

क्योंकि ये नैनो टेक्नोलोजी का जमाना है !

कोई देखे तो कम से कम मुस्करा देना ,

मोनालिसा की हंसी तो एक फ़साना है !

मुस्कराहट दर्द की तासीर बदल देती है ,

ये पानी से बर्फ को धीरे से पिघलाना है !

अजय हर कोई आज अकेला है चमन में,

फिर भी जिन्दगी का फलसफा सुहाना है !

1 comment:

ktheLeo (कुश शर्मा) said...

अच्छा लिख रहे हो!लगे रहना!छोडना मत!!!