जी हाँ ! हम नरम देश हैं !
हम अपनों के प्रति /
मित्रों के प्रति /
गरम हैं -
लेकिन गैरों के लिए एकदम नरम हैं
जी हाँ ! हम नरम देश हैं !
हम अपनों से शूल हैं ,
किन्तु विदेशों में काफी कूल हैं ,
गोरी चमड़ी देख फिसल जाते हैं
माँ-बाप को कहते हैं -
प्रकृति की भूल हैं ।
अपना जान भी दे दे तो
कोई परवाह नहीं
दूसरा रुमाल दे दे
तो बदल दें भेष हैं.
जी हाँ ! हम नरम देश हैं !
ये बनावटी सोच जब तलक होगी अजय
तो याद रहे बाकि दुनियां के लिए
हम सिर्फ -
शुन्य और शेष हैं !
जी हाँ ! हम नरम देश हैं !:
1 comment:
naram kya ham to napunsak hain...sundar kavita
Post a Comment