जीना तो पड़ेगा ही !
उदासी और ख़ुशी की -
एक ही है सबा
दोनों को दिल के बात कहने की मिलती है सजा ।
मगर जीना तो पड़ेगा ही .......
सो हंसी/ उदासी,
उदासी /हसी एक ही चीज हैं ,
दोनों का एक ही बीज है!
मगर जीना तो पड़ेगा ही .......
दुनियां हमेशा सच्चे दिल वालों को सजा देती है
चाहें -
हों सतयुग में राजा हरिश्चंद्र
रोहिताश्व के शव -दहन के लिए
पत्नी को आधी साड़ी देनी पड़ी ।
भीष्म चुप थे पाप का अन्न खा खा कर
मुरलीधर आये जब सतीत्व पे विपदा पड़ी।
कन्हैया को दर -दर की ठोकर खानी पड़ी-!
मगर जीना तो पड़ेगा ही .......
हम और आप क्या हैं दोस्तों
साक्षात् शिव को गरल की प्यास
बुझानी पड़ी
मगर जीना तो पड़ेगा ही .......
सो बाहर के लिए दिल को पत्थर बनाना होगा
अपनों को किसी भी तरह बचाना होगा !
क्योंकि -
पत्थर मैं भी जीवन स्पंदित होता है
ये बात सच है !!!!!!!!!
मगर जीना तो पड़ेगा ही .......
समझ , समझने वाले
अच्छों को जिन्दा रहना ही चाहिए !!!!!!!!!!!!!!!!
मगर जीना तो पड़ेगा ही .......
उदासी और ख़ुशी की -
एक ही है सबा
दोनों को दिल के बात कहने की मिलती है सजा ।
मगर जीना तो पड़ेगा ही .......
सो हंसी/ उदासी,
उदासी /हसी एक ही चीज हैं ,
दोनों का एक ही बीज है!
मगर जीना तो पड़ेगा ही .......
दुनियां हमेशा सच्चे दिल वालों को सजा देती है
चाहें -
हों सतयुग में राजा हरिश्चंद्र
रोहिताश्व के शव -दहन के लिए
पत्नी को आधी साड़ी देनी पड़ी ।
भीष्म चुप थे पाप का अन्न खा खा कर
मुरलीधर आये जब सतीत्व पे विपदा पड़ी।
कन्हैया को दर -दर की ठोकर खानी पड़ी-!
मगर जीना तो पड़ेगा ही .......
हम और आप क्या हैं दोस्तों
साक्षात् शिव को गरल की प्यास
बुझानी पड़ी
मगर जीना तो पड़ेगा ही .......
सो बाहर के लिए दिल को पत्थर बनाना होगा
अपनों को किसी भी तरह बचाना होगा !
क्योंकि -
पत्थर मैं भी जीवन स्पंदित होता है
ये बात सच है !!!!!!!!!
मगर जीना तो पड़ेगा ही .......
समझ , समझने वाले
अच्छों को जिन्दा रहना ही चाहिए !!!!!!!!!!!!!!!!
मगर जीना तो पड़ेगा ही .......
10 comments:
bahut sundar sandesh deti hui rahna..!
फ़लसफ़ा जीन्दगी का, खूबसूरत अंदाज़ मे.वाह!
"बहुत अच्छे..."
बहुत सशक्त अभिव्यक्ति है...
कृपया कमेंट्स की सेटिंग से वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें..टिप्पणीकर्ता को आसानी होगी..
सही कहा ……………हर हाल मे जीना तो पडेगा ही…………सुन्दर संदेश्।
Ghazab
मंगलवार 06 जुलाई को आपकी रचना ... चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर ली गयी है आभार
http://charchamanch.blogspot.com/
सुन्दर रचना !
बहुत प्रेरक रचना है आपकी...वाह...बधाई...
नीरज
PATHAK VO PAHLI KADI HAI JO KAVI KO BAAKI SANSAR SE JODTA HAI.RACHNA PASAND AAYI IS KAY LIYE AAP SABHI KA SAADHUVAAD.
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